Sunday 20 July 2014

जवाँमर्दी

पिछले दिनों जब मै गयी थी मुंबई
मौसम हुआ आशिकाना
झूम के चली हवा
जोर से बरसा पानी

ऊपर फ्लैट से मैंने नीचे देखा
बच्चे और बड़े पानी में भीग रहे थे
मैं भी झट नीचे गयी
कई हाथों ने मुझे पकड़ लिया
किसी ने कहा, दादी गर फिसल गयी
तो मच जाएगा यहाँ कोहराम
किसी दूसरे  ने कहा
दादी ज्यादा भीग गयी
तो हो जाएगा सर्दी और जुखाम

मैंने कहा , न न ऐसा कुछ भी न होगा
मुझे भीगना अच्छा लगता है
जवानी में मैं खूब भीगती थी
 इक प्यारी सी बच्ची बोली
दादी तुम्हारी जवाँमर्दी को सलाम
तभी पीछे से किसी कमबख्त ने कहा
हाय हाय बूढी घोड़ी लाल लगाम

Sunday 13 July 2014

मुंबई

मुंबई का ट्रिप यारो जैसे
 सारा का सारा फुस हो गया
न अमिताभ जी मिलने को आये
न मिली हमे जया

अभिषेक ,ऐश्वर्या को चाहे  न लाते
उनकी छुटकी को ही ले  आते
और नहीं कुछ देते यारों उसको
देते हम अपनी दुआ

हा हा ह हा हा , हा हा ह हा हा

Thursday 3 July 2014

अहसास

यादों के कफ़न को चीर कर
इक ये अहसास आया
जिसने ये विश्वास दिलाया
 है वो मुझमे अब तक समाया 

मेरी तन्हाई

साँझ ढले अकेले में
मैं बैठी शून्य में ताक रही
बीते हुए बरसों की गर्त से
आया एक मीठा सा अहसास
उनके साथ बिताये थे
जो कुछ दिन खास
तभी न जाने कहाँ से
एक बादल आया
और हल्की बूंदे पड़ने लगी
मैंने देखा इधर उधर
कोई न था आस पास
बची थी सिर्फ मैं और मेरी तन्हाई