Wednesday 18 February 2015

शरीर की सर्विसिंग

हमारे शरीर की सर्विसिंग जारी है
जारी है भाई जारी हैं

दोनों आँखे नयी बनी
अब कानों की बारी है
हमारे शरीर की सर्विसिंग जारी है
जारी है भाई जारी हैं
किसी ने एक बात कही
हमने दो बार पूछा
उसने तीन बार समझाया
फिर भी समझ नहीं आया
अब कानों में मशीन लगवाने की बारी है
हमारे शरीर की सर्विसिंग जारी है
जारी है भाई जारी हैं
तीन बार पेट कटवा चुके
अब घुटने लगे है दुखने
हे  राम अब क्या घुटनों की रिप्लेसमेंट की बारी  है
 दाँतों का तो आये दिन कल-पुर्जा बदलता है
बालों की भी डेंटिंग, पेंटिंग जारी है
अब और क्या क्या बदलेगा ये राम ही जाने
न जाने अब किस अंग की बारी है
हमारे शरीर की सर्विसिंग जारी है
जारी है भाई जारी हैं

Thursday 5 February 2015

मौसमे बहार है

मौसमे  बहार है
कभी बादलों ने आँचल फैलाया
कभी गुनगुनी धूप का साया
फूलों की खुशबू से रची बसी
बहे मंद मंद बयार है
मौसमे  बहार है