Thursday 28 January 2016

ठाकुर

कैसे करूँ  दुःख में उन  से फ़रियाद,
सब कहते हैं वो ठाकुर, तो है अगम, अगाधि,

तभी भीतर से आवाज  इक आई ,
कण-कण  में है, उस प्रभु का वास,
इस तथ्य का कर ले रे मन, तू अटल विश्वास,
दौड़े  दौड़े आएंगे ,वो खुद तेरे पास,
 कर तो ले ऐ बन्दे,  दिल से उन्हें याद
श्रद्धा से इक बार तू कर, उनसे फ़रियाद .

अगम (inaccessible )
अगाधि  (incomprehensible)
ठाकुर (Lord)

Wednesday 27 January 2016

हल्की फुल्की मस्ती

जब भी लगती है मुझे, कोई नयी बीमारी ,
मन ही मन सोचती हूँ ,बढ़ती उम्र पड़ी शरीर पर भारी ,
बीमारियां सहते सहते मैं ,बन गयी इतनी मजबूत ,
कई बार अस्पताल से बच कर आ गयी ,है इसका सबूत,

डबलिन से मेरी भतीजी पल्लवी ,है मुझे समझाती ,
बुआ आप बेकार ही चिंता करती हैं उम्र की ,
इस उम्र की महिलाएं ,यहाँ जिम और तैराकी को हैं जाती,
कई तो आपसे बड़ी ,शादी हैं यहाँ रचाती,

मैंने उसे समझाया, प्यारी बच्ची
उन्होंने बचपन से उबले अंडे, बीफ,चिकन और वाइन पिया खाया
जबकि हमने शुरू से ही ,खस्ता ,जलेबी, जैसा तर माल पचाया
अब पछताए होत क्या,जब चिड़िया चुग गयी खेत,
अरे अभी भी अच्छी है, कइयों से अपनी सेहत.
 


Tuesday 12 January 2016

मोबाइल

दोस्तों साइंटिस्ट लोगों ने मोबाइल का क्या बनाया गजब क्रिएशन
लगता है इससे मेरा पिछले जनम का है जैसे कुछ रिलेशन
जब हाथ में मोबाइल आता है ,तब कुछ और नहीं भाता है
तब पतिदेव और बच्चों को तो इग्नोर करती ही हूँ
साथ में डैडी ,मम्मी जी को भी भूल ही जाती हूँ
स्काइप ,फेसबुक ,और व्हॉट्स एप्प ,हैं ऐसे नए चोंचले
मुझ बूढी चिड़िया को लगते हैं जैसे अपने घोंसले
हँसियेगा नहीं आपको इक राज की बात बताती हूँ
साथ का वीडियो देखिये, मैं भी कुछ कुछ ऐसी ही होती जाती हूँ

Monday 4 January 2016

नववर्ष

इस बार नववर्ष हमने कुछ अलग ढंग से
 डॉक्टर्स और नर्सेज के साथ मनाया 
हुआ यूं यारों , 2015  जाते जाते दगा दे गया
हमारी तबियत नासाज कर, हमे डरा गया
अच्छे भले घर बैठे थे ,अस्पताल भर्ती करा गया
पर पतिदेव,बच्चों और अपनों का साथ
बुरे ग्रह  नक्षत्रों से लड़ने का हमारा  हौसला  बढ़ा गया
प्रभु कृपा से 2016 ने 3 -4  दिनों में
हमे स्वस्थ कर वापिस घर पहुँचा  दिया
और आप सब के साथ ने हमे मस्त बना दिया