SUNITA KATYAL POETRY
Friday, 30 November 2012
दिल
गर तुम्हारे दिल में मैंने जगह बनायीं होती
तो आज तुम्हे मेरी याद जरूर आई होती
खुदाकसम गर मैं जानती कि तुम कहाँ हो
तुम्हे मिलने को दुनिया के
दुसरे कोने तक,
उड़ के आई होती
Newer Posts
Older Posts
Home
Subscribe to:
Posts (Atom)