कोयल की कुहू कुहू ,
आम के बौर की भीनी सी खुशबु ,
अमलताश के पीले फूलो की लरियाँ ,
गुलमोहर के लाल लाल फूलो की झरियाँ ,
सुबह की मंद मस्त हवा ,
प्रकृति में रचा बसा हर ओर तेरा ही नूर है,
प्रभु तेरा ही नूर सब में भरपूर है.
आम के बौर की भीनी सी खुशबु ,
अमलताश के पीले फूलो की लरियाँ ,
गुलमोहर के लाल लाल फूलो की झरियाँ ,
सुबह की मंद मस्त हवा ,
प्रकृति में रचा बसा हर ओर तेरा ही नूर है,
प्रभु तेरा ही नूर सब में भरपूर है.