अपनी उदासियों को मुस्कराहटों के परदे में छिपाकर
बढ़ती उम्र का वास्ता दे, औरो को नसीहतें देना है आसाँ
तुम ही बताओ, किसे बताएं अपनी उदासियाँ
यहाँ तो हर शख्श, अपनी ही परेशानियों से है हैराँ और पशेमाँ
बढ़ती उम्र का वास्ता दे, औरो को नसीहतें देना है आसाँ
तुम ही बताओ, किसे बताएं अपनी उदासियाँ
यहाँ तो हर शख्श, अपनी ही परेशानियों से है हैराँ और पशेमाँ