रात भर बाजार तेरी यादों का लगाए रहे
सुबह तक आंसुओं की शमा भी जलाये रहे
शाम ढले तक फिर रहे बेहोश से
बिन तेरे रात और दिन यूं ही गुजरते रहे
थोड़ी जो बची है जिंदगी मेरी
कट जाएगी यूँही
कभी हम होश में रहे, कभी बेहोश रहे
सुबह तक आंसुओं की शमा भी जलाये रहे
शाम ढले तक फिर रहे बेहोश से
बिन तेरे रात और दिन यूं ही गुजरते रहे
थोड़ी जो बची है जिंदगी मेरी
कट जाएगी यूँही
कभी हम होश में रहे, कभी बेहोश रहे