Monday, 30 May 2011

माँ

बचपन में तेरा सोते  हुए हौले से मुस्कराना ,
किशोरावस्था में नींद में  बडबडाना  और हाथ पैर  मारना.
जवानी में तेरा अकेले में मुस्कराना ,
अब नवेली दुल्हन को छेड़ना और खिलखिलाना.

ये सब देखते हुए जीना ,मेरे माँ होने के अहसास को
कहीं भीतर तक तृप्त कर जाता है.

Monday, 16 May 2011

लक्ष्य

रीता रीता सा ये मन ,
रीता रीता ये जीवन ,
एक प्रशनचिंह बन कर रह गया.

क्या है इस जीवन का लक्ष्य
अब तक समझ नहीं आया
कभी लगता है कर लिया
जो करने आये थे
कभी लगता है 
अभी इसका छोर नहीं पाया   

Saturday, 30 April 2011

तेरे आसपास.

कभी अकेले में बैठे हुए ये ख्याल आता है
अब से कुछ साल बीत जाने के बाद,
जब मुझे किसी सहारे की जरूरत होगी
तो क्या ये मेरे आस पास होंगे ?
क्या वो मेरी ऊँगली थाम कर ,
मुझे अपने साथ ले कर चलेंगे.
तभी मन के किसी कोने में
आशा की किरण जगमगाती है
कानों में हौले से गुनगुनाती है
अपने ईश्वर और ममता  पर  कर  विश्वास
जरूरत पर वो दोनों ही होंगे
तेरे  आसपास, तेरे आसपास. 

 

Thursday, 31 March 2011

प्रेरणा


कुछ भी नया और रचनात्मक करने की 
प्रेरणा आपको किसी न किसी से मिलती है
मेरे प्रेरणास्त्रोत मेरे बच्चे हैं
जो की बहुत अच्छे हैं,बहुत अच्छे हैं.