SUNITA KATYAL POETRY
Wednesday, 17 August 2011
वक़्त
हर तरफ खुशियाँ हैं
हर तरफ गम .
वक़्त हमारी झोली में क्या है डालता
यही देखना है बस हमे
इसी को ख़ुशी ख़ुशी
स्वीकार भी करना, ही जिंदगी है .
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