SUNITA KATYAL POETRY
Wednesday, 17 August 2011
वक़्त
हर तरफ खुशियाँ हैं
हर तरफ गम .
वक़्त हमारी झोली में क्या है डालता
यही देखना है बस हमे
इसी को ख़ुशी ख़ुशी
स्वीकार भी करना, ही जिंदगी है .
1 comment:
Akhil Katyal
24 September 2011 at 08:30
:)
Reply
Delete
Replies
Reply
Add comment
Load more...
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
:)
ReplyDelete