ये समां बेरौनक सा है क्यूँ
आखें डबडबाइ सी है क्यूँ
सुना है ज़र्रे ज़र्रे में तेरा अक्स है
मुझे फिर दिखाई देता नहीं क्यूँ
गर इक बार दीदार
जो तेरा हो जाए
संसार मन का हो जाए रंगीन
पर ऐसा मेरे साथ होता नहीं क्यूँ
आखें डबडबाइ सी है क्यूँ
सुना है ज़र्रे ज़र्रे में तेरा अक्स है
मुझे फिर दिखाई देता नहीं क्यूँ
गर इक बार दीदार
जो तेरा हो जाए
संसार मन का हो जाए रंगीन
पर ऐसा मेरे साथ होता नहीं क्यूँ
i love this one :)
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