भावना शून्य हो गया है मानस पटल
बढ़ती उम्र के साथ जीवन जैसे जा रहा बदल
अपेक्षाएँ बढ़ गयी दूसरों से
अभिरुचियाँ सब हो गयीं जैसे ख़त्म
सूना सूना सा होता जा रहा जीवन सकल
बढ़ती उम्र के साथ जीवन जैसे जा रहा बदल
अपेक्षाएँ बढ़ गयी दूसरों से
अभिरुचियाँ सब हो गयीं जैसे ख़त्म
सूना सूना सा होता जा रहा जीवन सकल
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