Tuesday, 12 January 2016

मोबाइल

दोस्तों साइंटिस्ट लोगों ने मोबाइल का क्या बनाया गजब क्रिएशन
लगता है इससे मेरा पिछले जनम का है जैसे कुछ रिलेशन
जब हाथ में मोबाइल आता है ,तब कुछ और नहीं भाता है
तब पतिदेव और बच्चों को तो इग्नोर करती ही हूँ
साथ में डैडी ,मम्मी जी को भी भूल ही जाती हूँ
स्काइप ,फेसबुक ,और व्हॉट्स एप्प ,हैं ऐसे नए चोंचले
मुझ बूढी चिड़िया को लगते हैं जैसे अपने घोंसले
हँसियेगा नहीं आपको इक राज की बात बताती हूँ
साथ का वीडियो देखिये, मैं भी कुछ कुछ ऐसी ही होती जाती हूँ

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