Sunday, 14 May 2017

बिजी

एक चिंता ,भीतर ही भीतर
 खाये जा रही है
किसके सहारे ,
 कटेगा बुढ़ापा हमारा
 नयी पीढ़ी तो  यारों
बिजी बहुत है


Saturday, 13 May 2017

राम नाम गाओ

तरसना नहीं है
तड़पना  नहीं है
सहनशीलता को तुम अपना लो
चम्बा, डलहौज़ी
रानीखेत हो या कौसानी
तुम्हारे हिल स्टेशन घूमने के दिन
 चुक गए सुनीता जी
अब या तो स्पेशलिस्ट डॉ. के
चक्कर लगाओ
या बंद कमरे में ए. सी.में बैठकर
राम नाम गाओ
हरी नाम गाओ  

Thursday, 11 May 2017

सुकून

सुकून, सुकून, सुकून चाहिए
मुझे दिलो दिमाग पुरसुकून चाहिए
कोशिश है की न हो मुझसे नजरंदाज कोई
उम्मीदें  किसी से भी करती नहीं हूँ
माना  कि, तारीफ़ नहीं है हाथ की लकीरों में
पर किसी से रुसवाई भी तो  नहीं चाहिए
सुकून, सुकून, सुकून चाहिए 
मुझे दिलो दिमाग पुरसुकून चाहिए