SUNITA KATYAL POETRY
Friday, 24 June 2011
गैर
जिंदगी का पल पल , हंसी ख़ुशी बिताया .
जीवन का हर गीत धुन के साथ गुनगुनाया.
खुशियों का जाम भर भर , पिया और पिलाया.
प्रेम बांटा ,और प्रेरणा का दिया जलाया.
जो कभी अपने न बन सके,
ऐसे गैरों को याद कर कर भुलाया.
1 comment:
Akhil Katyal
25 June 2011 at 09:01
this one is excellent!!!! i love this one.
Reply
Delete
Replies
Reply
Add comment
Load more...
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
this one is excellent!!!! i love this one.
ReplyDelete