Wednesday, 20 June 2012

भावनायेँ

जब बच्चे खुद से दूर जाते  हैं
दिल तन्हा सा हो जाता है
दिल हर समय उदास सा रहता है
फिर एक ख्याल ये आता है
हमने खुद ही तो बच्चों को पंख दिए
खुद ही उन्हें उड़ना सिखाया
खुले आकाश में उड़ने को
जायेंगे  तभी तो फिर लौट के
मिलने दोबारा आयेंगे हमसे
बस , फिर उनके इन्तेजार में
हम  डूब जाते हैं.

3 comments:

  1. नया सफर, नयी मंजिलें
    नया होसला, नए इरादे
    जब जाते हैं थक , तुम्ही
    तो हो जिसे करते हैं याद
    आ जाता है नया विश्वास
    कर लेंगे पूरा हर सपना
    जिसे देखा है हमने साथ साथ.

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