दर्दे दिल दे के चले गए
मुड़ कर देखे बिना
कहाँ हो, कहाँ हो,तुम कहाँ हो
बरसों से गलियों, चौराहों पर
मेरी भीगी निगाहें तुम्हे ढूंढती है
यारा इक बार तो दिख जाओ
हुआ मुश्किल जीना तेरे बिना
कहाँ हो, कहाँ हो,तुम कहाँ हो
मुड़ कर देखे बिना
कहाँ हो, कहाँ हो,तुम कहाँ हो
बरसों से गलियों, चौराहों पर
मेरी भीगी निगाहें तुम्हे ढूंढती है
यारा इक बार तो दिख जाओ
हुआ मुश्किल जीना तेरे बिना
कहाँ हो, कहाँ हो,तुम कहाँ हो
No comments:
Post a Comment