ठण्ड सर्द रातों में
उकड़ूँ बन रजाई में
दुबकना मुझे भाता है
सुबह सुबह रजाई में
गर्म गर्म चाय मिले
तो इस उम्र में भी
अपने पतिदेव पर प्यार मुझे आता है ,
उकड़ूँ बन रजाई में
दुबकना मुझे भाता है
सुबह सुबह रजाई में
गर्म गर्म चाय मिले
तो इस उम्र में भी
अपने पतिदेव पर प्यार मुझे आता है ,
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