आने वाला है कल जो
डरावने मुखौटे पहन
क्यूँ मुझे डरा रहा है
सिहर सिहर जाती हूँ मैं
क्यूँ मुझे सता रहा है
या रब कुछ ऐसा
करम कर दे
सोचूँ न उस पल को
आने वाला है कल जो
डरावने मुखौटे पहन
क्यूँ मुझे डरा रहा है
सिहर सिहर जाती हूँ मैं
क्यूँ मुझे सता रहा है
या रब कुछ ऐसा
करम कर दे
सोचूँ न उस पल को
आने वाला है कल जो
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