Tuesday, 22 September 2015

बहुत दिन हुए

चैन से सोने की उम्मीद में
जागते हुए, बहुत दिन हुए
जीवन में एक तूफ़ान सा मचा है
उसमे डूबते उतराते हुए, बहुत दिन हुए
सौंप दी है कश्ती  प्रभु हाथों में तेरे
अभी तक लगी न किनारे,बहुत दिन हुए  

Saturday, 19 September 2015

हाले दिल

रफ्ता रफ्ता रात यूहीं ढलती रही
दिल में तेरी याद की छुरियाँ सी चलती रहीं
दिल में उठे तूफ़ान की
कानों कान न हुई किसी को खबर
सुबह सुर्ख आँखों पर पड़ी जब सबकी नजर
गर्मी और उमस को हमने दोषी बना दिया
हाले  दिल को अपने सबसे छुपा लिया

Monday, 14 September 2015

साँझ

साँझ ढले सुरमई अँधेरे में
साँय साँय हवा जो चलती है
ठिठक ठिठक जाती हूँ मैं
लगता है जैसे तुमने बुलाया
यूँ लगता है जैसे कि तू आया 

Sunday, 13 September 2015

दर्द ,दर्द, दर्द

दर्द ,दर्द, दर्द
दर्द उनकी रग रग  में समाया
दर्द, ये न जाने कहाँ से आया
दर्द से ना जाने क्या रिश्ता नाता
दर्द क्यों हर समय उन्हें सताता
बेबस हैं हम यहाँ
उनका दर्द बाँट नहीं पाते
प्रभु हमारा कर जोड़ वंदन
करते हैं हम करुण क्रंदन
प्रभु आके इस दर्द को बंटा
प्रभु आ के इस दर्द से निजात दिला