चैन से सोने की उम्मीद में
जागते हुए, बहुत दिन हुए
जीवन में एक तूफ़ान सा मचा है
उसमे डूबते उतराते हुए, बहुत दिन हुए
सौंप दी है कश्ती प्रभु हाथों में तेरे
अभी तक लगी न किनारे,बहुत दिन हुए
जागते हुए, बहुत दिन हुए
जीवन में एक तूफ़ान सा मचा है
उसमे डूबते उतराते हुए, बहुत दिन हुए
सौंप दी है कश्ती प्रभु हाथों में तेरे
अभी तक लगी न किनारे,बहुत दिन हुए
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