Wednesday, 28 October 2015

प्यार की चिंगारी

मेरे  प्यार की चिंगारी से
 जब वो सुलगने लगे
दुनिया  के डर  से
हमसे किनारा कर गए
इल्तिजा है उनसे हमारी
 इक  बार वो तशरीफ़ लाएं
रखी  है जो उनकी अमानत
वो यादों की गठरी
संग अपने ले जाएँ
बहुत जी लिए उनकी यादों के संग
बची जिंदगी उससे खाली  हो जीना चाहते हैं

Tuesday, 22 September 2015

बहुत दिन हुए

चैन से सोने की उम्मीद में
जागते हुए, बहुत दिन हुए
जीवन में एक तूफ़ान सा मचा है
उसमे डूबते उतराते हुए, बहुत दिन हुए
सौंप दी है कश्ती  प्रभु हाथों में तेरे
अभी तक लगी न किनारे,बहुत दिन हुए  

Saturday, 19 September 2015

हाले दिल

रफ्ता रफ्ता रात यूहीं ढलती रही
दिल में तेरी याद की छुरियाँ सी चलती रहीं
दिल में उठे तूफ़ान की
कानों कान न हुई किसी को खबर
सुबह सुर्ख आँखों पर पड़ी जब सबकी नजर
गर्मी और उमस को हमने दोषी बना दिया
हाले  दिल को अपने सबसे छुपा लिया

Monday, 14 September 2015

साँझ

साँझ ढले सुरमई अँधेरे में
साँय साँय हवा जो चलती है
ठिठक ठिठक जाती हूँ मैं
लगता है जैसे तुमने बुलाया
यूँ लगता है जैसे कि तू आया 

Sunday, 13 September 2015

दर्द ,दर्द, दर्द

दर्द ,दर्द, दर्द
दर्द उनकी रग रग  में समाया
दर्द, ये न जाने कहाँ से आया
दर्द से ना जाने क्या रिश्ता नाता
दर्द क्यों हर समय उन्हें सताता
बेबस हैं हम यहाँ
उनका दर्द बाँट नहीं पाते
प्रभु हमारा कर जोड़ वंदन
करते हैं हम करुण क्रंदन
प्रभु आके इस दर्द को बंटा
प्रभु आ के इस दर्द से निजात दिला 

Saturday, 29 August 2015

स्याही

कभी जब मैं  तनहा होती हूँ
मेरी यादों की पिटारी खुलती है
तेरी याद दबे पांव  निकलती है
मेरी धड़कन रुक रुक चलती है
न जाने कौन स्याही से
मेरे दिल पर तेरा नाम लिखा
बरसों बाद भी जस का तस
न मिटा न फीका ही पड़ा 

Saturday, 15 August 2015

तेरी याद

अपनी कठिनाइयों से, जूझती थक जाती थी
अपनी परेशानियों में, डूबती उतराती थी
तेरी याद से मेरे प्रभु, मन को सहारा मिल गया
बुझा दिया था मन मेरा ,खिले कमल सा खिल गया
तूफानों में भटकी नाव को जैसे किनारा मिल गया
तेरी याद से मेरे प्रभु, मन को सहारा मिल गया