Thursday, 31 March 2011

प्रेरणा


कुछ भी नया और रचनात्मक करने की 
प्रेरणा आपको किसी न किसी से मिलती है
मेरे प्रेरणास्त्रोत मेरे बच्चे हैं
जो की बहुत अच्छे हैं,बहुत अच्छे हैं. 

Wednesday, 30 March 2011

Saturday, 12 March 2011

जापान


कान्हा जी हम पर कृपा करो
हम तेरी रजा में रहे राजी
जापान का भयंकर ताण्डव देख कर
डर डर जाता है मेरा जी

चाहते हैं सभी
हमारा हर दिन होली हो
और रात दिवाली
प्रभु शक्ति दो उन्हें, काटे वो सब्र से
जिनके लिए आयी रात
दुःख भरी,लम्बी और काली 

Monday, 7 March 2011

Happy Women’s Day


मेरी इन टूटी फूटी पंक्तियों में
गहरायी ढूंढने की कोशिश न करियेगा
ये तो केवल जज्बात हैं, उस नारी के
जो अपने को अबला नहीं
बहिन,बेटी,पत्नी और इक माँ
सभी रूपों को, एक साथ जीते हुए
खुद को गर्वित महसूस करती है

Happy Women’s Day

Sunday, 6 March 2011

जीवन


हर पल जीवन  का हमें
कुछ न कुछ सिखाता है
कुछ पाते हैं, तो सीखते हैं
कुछ गंवाते हैं, तो  सीखते हैं
इस पाने और गंवाने में
कभी हँसते , कभी रोने गाने में
साल दर साल उम्र कब बीत जाती है
चलता नहीं कुछ पता
उम्र के आखिरी पड़ाव पर पहुँच कर
आता है होश, अरे 
बहुत कुछ ऐसा है
जो हमने सीखा ही नहीं 

Friday, 4 March 2011

आखिर क्यों


अपने बच्चों को हमने पढ़ाया, लिखाया
उन्हें आसमाँ में उड़ना सिखाया
हमे विश्वास भी है उन पर
जानते हैं, उनकी दिशा भी सही है
फिर क्यों ये मन उनका पीछा है करता
क्यों क्यों क्यों ?????????
हम क्यों नहीं उस छोटी चिड़िया की तरह
जो एक बार अपने बच्चों को उड़ना सीखा कर
छोड़ देती है, खुले आसमाँ में अकेले विचरने को
क्यों हम हर समय उनका साथ चाहते हैं
क्यों हर समय उन्हें पास चाहते हैं
कहीं हम उनकी बेड़ी तो नहीं बन रहे
हमारी  ये मोह ममता,ये आसक्ति
क्यों कम  नहीं हो रही
क्यों, क्यों, क्यों, आखिर क्यों ?????

Thursday, 3 March 2011

संसार


गजब है ये संसार ,अजब है इसका सार

कभी चारों ओर ख़ुशी ही ख़ुशी दिखे
दिल ख़ुशी में हिचकोले खाता फिरे
हर ओर रौशनी और रंगीनियाँ दिखे

और कभी हर ओर दुखों और दर्द का भंडार दिखे
ऐसा लगे जैसे संसार तो दुखों का घर है
ख़ुशी का तो कहीं नमो निशाँ ही नहीं है

बड़े बुजुर्ग सही कहते हैं
संसार मिथ्या है, इसका कोई आसार नहीं है 

Tuesday, 1 March 2011

प्रेरणा


कुछ भी नया और रचनात्मक करने की
प्रेरणा हमें किसी न किसी से मिलती है
मेरे प्रेरणा स्त्रोत मेरे बच्चे हैं
हाँ जी हाँ, वो बहुत अच्छे हैं 

हाँ यही प्यार है


क्या है प्यार,
कोशिश की  हमने
जानने की बहुत
जवाँ थे जब,
पर हाय, जान न पाए
कुछ अपने बडों का भय,
कुछ समाज की बंदिशें
प्यार को समझने की,
 हमारी वो ख्वाहिशे
सब बेकार गयी
इस उम्र तक पहुँचते पहुँचते
खूब महसूस भी कर चुकी हूँ, अब इसे
ये दो शरीरों का नहीं
दो आत्माओं का मिलन है
जो  सुख और दुःख की घड़ी में
बढ़ा ही है, कम नहीं हुआ
अपने बुजुर्गों की छत्रछाया में
अपने बच्चों के साथ
हर पल इसे महसूस है किया
हाँ ये प्यार, आज के रूमानी ,
 लफ्फाजी प्यार से
अलग है बहुत
जो आज एक से ,
कल दुसरे से हो जाता है
हो सकता है, आपको ये इक मजाक लगे
पर यही सच्चा प्यार है
जो समय के साथ बढा  और परवान चढ़ा
उम्र के आखिरी पड़ाव तक साथ रहेगा
हाँ यही प्यार है