गजब है ये संसार ,अजब है इसका सार
कभी चारों ओर ख़ुशी ही ख़ुशी दिखे
दिल ख़ुशी में हिचकोले खाता फिरे
हर ओर रौशनी और रंगीनियाँ दिखे
और कभी हर ओर दुखों और दर्द का भंडार दिखे
ऐसा लगे जैसे संसार तो दुखों का घर है
ख़ुशी का तो कहीं नमो निशाँ ही नहीं है
बड़े बुजुर्ग सही कहते हैं
संसार मिथ्या है, इसका कोई आसार नहीं है
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