बारिश
देखो जी क्या खूबसूरत समां है
काले बादलों से घिरा आसमाँ है
झमाझम पानी भी बरस रहा है
हुआ मन मेरा मैं हँसूँ, खिलखिलाऊ
बारिश में भीगूँ और खूब नहाऊँ
तभी जैसे कोई बादल सा फटा
मेरे पतिदेव ने आवाज लगाई
अजी सुनती हो,……
मेरी चाय और पकोड़े कहाँ है
हाय रब्बा क्या खूबसूरत समां है
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