SUNITA KATYAL POETRY
Tuesday, 12 April 2016
अहसास
रात के अँधेरे में, जब सब सो जाते हैं
बंद आँखों में तेरी बांसुरी बजाती हुई मनमोहिनी छवि को बसा कर
साथ में तेरे नाम को जपते हुए
आहिस्ता आहिस्ता तुझमे समाते हुए
साथ में होता है एक प्यारा और खूबसूरत अहसास
कान्हा तू है मेरे पास ,पास और बहुत पास
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