कल ही मुझे किसी अपने ने दी इक सलाह
जो मेरे दिल को गयी बहुत भा
उसने बड़े प्यार से मुझे कहा
वैसे तो तुम्हारी कविताएं बढ़िया हैं
फिर भी ,दीदी तुम दारु का करो नित सेवन
जिससे निखर जायेगा तुम्हारा लेखन
नित नयी कविताएं निकल के आएँगी
गजलें और नज्मे भी उभर आएँगी
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