सखी री
कुछ समझ नहीं आता
ससुराल भी क्या चीज होती है
ये अपनी होती है
या अपनी नहीं होती
सास ससुर के लिए उनका पुत्र
सीधा और भोला होता है
बहु मायके से सब सीख कर आती है
इसी से चतुर, चालाक होती है
अगर दोनो से कोई गलती हो जाए
बेटा छूट जाता है
बहु और बहु के माँ बाप को
पानी पी पी कर कोसा जाता है
पर इसी बहु ने गर बेटा जन दिया
उसका हर खून माफ़ हो जाता है
सखी री
कुछ समझ नहीं आता
ससुराल भी क्या चीज होती है
कुछ समझ नहीं आता
ससुराल भी क्या चीज होती है
ये अपनी होती है
या अपनी नहीं होती
सास ससुर के लिए उनका पुत्र
सीधा और भोला होता है
बहु मायके से सब सीख कर आती है
इसी से चतुर, चालाक होती है
अगर दोनो से कोई गलती हो जाए
बेटा छूट जाता है
बहु और बहु के माँ बाप को
पानी पी पी कर कोसा जाता है
पर इसी बहु ने गर बेटा जन दिया
उसका हर खून माफ़ हो जाता है
सखी री
कुछ समझ नहीं आता
ससुराल भी क्या चीज होती है
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