Tuesday, 18 September 2012

शुकराना

 भोर में चिड़ियों का चहचहाना
उषा की किरण का हौले से कमरे में घुस आना
फूलों का खिलना और भोरों का गुनगुनाना
बारिश की रिमझिम और मौसम सुहाना
चांदनी रात में तारों का टिमटिमाना
बच्चो की किलकारी और जवानी का ठहाका लगाना
ये सब याद कर के मेरा मुस्कराना

इस बढती उम्र में बुढ़ापे से क्या खौफ खाना
तेरी कृपा है, ए रब ,तेरा शुकराना

Tuesday, 11 September 2012

तेरा दीदार

ये समां बेरौनक सा है क्यूँ
आखें डबडबाइ सी है क्यूँ

सुना है ज़र्रे ज़र्रे में तेरा अक्स है
मुझे फिर दिखाई देता नहीं क्यूँ

गर इक बार दीदार
जो तेरा हो जाए

संसार मन का हो जाए रंगीन
पर ऐसा मेरे साथ होता नहीं क्यूँ

Tuesday, 14 August 2012

नाव


जिंदगी की नाव, मेरी संसार रूपी पानी में रहे
नाव पानी में हो, पर पानी नाव में न हो
या रब, कर दो हम पर इतना करम
इस संसार में मैं रहूँ, पर संसार मुझ में न हो
मेरे मन में सिर्फ तू हो, या रब तू ही तू हो 

Wednesday, 20 June 2012

भावनायेँ

जब बच्चे खुद से दूर जाते  हैं
दिल तन्हा सा हो जाता है
दिल हर समय उदास सा रहता है
फिर एक ख्याल ये आता है
हमने खुद ही तो बच्चों को पंख दिए
खुद ही उन्हें उड़ना सिखाया
खुले आकाश में उड़ने को
जायेंगे  तभी तो फिर लौट के
मिलने दोबारा आयेंगे हमसे
बस , फिर उनके इन्तेजार में
हम  डूब जाते हैं.

Friday, 1 June 2012

तेरे बिना


दर्दे दिल दे के चले गए
मुड़ कर देखे बिना
कहाँ हो, कहाँ हो,तुम कहाँ हो

बरसों से गलियों, चौराहों पर
मेरी भीगी निगाहें तुम्हे ढूंढती है

यारा इक बार तो दिख जाओ
हुआ मुश्किल जीना तेरे बिना
कहाँ हो, कहाँ हो,तुम कहाँ हो  

Wednesday, 16 November 2011

शुक्रगुजार

तेरी कृपा का पल पल अहसास कर ,
मैं तेरी शुक्रगुजार हूँ,
देख कर तेरी रहमतें,या रब
तेरी तलबगार हूँ.