Monday, 14 October 2013

आगोश

बादल ने अपने आगोश में चंदा को लिया 
चंदा ने अपनी चांदनी से उसे ठंडा किया 
बादल ने जब सूरज को अपने आगोश में छिपा लिया 
सूरज ने अपनी किरणों से उसे गर्मा दिया 
माँ ने जब अपने लाल को 
 आगोश में ले कर कलेजे से लगाया
अपनी ममता की ठंडक दी
प्यार की तपिश से गरमाया 
और खुद को भी तृप्त पाया 

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