SUNITA KATYAL POETRY
Sunday, 5 January 2014
नव वर्ष
बीते वर्ष के दर्दो -गम भूल जाएँ
नव वर्ष में नयी खुशियां मनायें
आओ हम सब मिल कर
प्रभु का शुक्राना गायें।
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