SUNITA KATYAL POETRY
Wednesday, 5 February 2014
बीमार
जुम्मा जुम्मा चार दिन को
हुए रे हम बीमार
जर्जर हुआ शरीर
उम्र अभी ऐसी बड़ी तो न थी
लोगों को क्या कहें
वो हमें अम्मा जी कहने लगे
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