आया बसंत बहार सखी री
आया बसंत बहार
पतझड़ बीता, नव पल्लव आये
धरती ने कीना फूलों से श्रृंगार सखी री
आया बसंत बहार
गेहूँ की बालियों और आम की बौर से
सौंधी हुई री बयार सखी री
आया बसंत बहार
प्रकृति ने कीनी फागुन की अगुआई
तू भी हो जा तैयार सखी री
आया बसंत बहार
आया बसंत बहार
पतझड़ बीता, नव पल्लव आये
धरती ने कीना फूलों से श्रृंगार सखी री
आया बसंत बहार
गेहूँ की बालियों और आम की बौर से
सौंधी हुई री बयार सखी री
आया बसंत बहार
प्रकृति ने कीनी फागुन की अगुआई
तू भी हो जा तैयार सखी री
आया बसंत बहार
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