Saturday, 26 March 2016

भरे पूरे परिवार

कल रात हम अस्त व्यस्त थे
या यूँ कहिये कि अकेलेपन से त्रस्त थे
हमारे पतिदेव भी अकेलेपन से ग्रस्त थे
पर दिखा रहे थे, जैसे टी. वी. क्रिकेट में मस्त थे

ऐसे मे 30 बरस पुरानी  अपनी दादी सास की बात याद आई ,
वो कहती थी ,तुम लोग २ बच्चे पाल कर थक जाते हो ,
अभी २-४ बच्चे और होने चाहिए
तब उनकी बातों को हमने हंसी में उड़ा दिया
पर अब इस उम्र में हमें भी  कुछ ऐसा ही लगता है

काश हमारे  बच्चे और २-४ होते
कुछ पास और कुछ बाहर होते
उनके भी भरे पूरे परिवार होते
घर में आते जाते खूब नाते  रिश्ते दार होते
संग में 4 -6 दोस्त यार होते
परिवार संग  सब तीज त्यौहार होते
सुख दुःख संग झेलने को सब साथ तैयार  होते
हम अपने बच्चों और परिवार में व्यस्त  होते
यानि की हम पूरे मस्त होते




Thursday, 24 March 2016

मस्ती

किन्ही हलके फुल्के क्षणो में,
हमने अपने पतिदेव से पुछा,
लोग हमारे बारे में क्या सोचते होंगे
वो मुस्करा कर बोले ,
कहते होंगे बहुत नाजुक मिजाज हैं ,
 जब देखो ये तो रहते बीमार हैं    

Tuesday, 22 March 2016

होरी

सखी
 मैंने कान्हा संग खेली  आज होरी री
 मला गुलाल गालों पे उनके
भिगोदी उन्होंने मेरी साड़ी बरजोरी री
उनके प्रेम का रंग  ऐसा चढ़ा  री
छोड़ छाड़ दुनिया मैं उनकी होली री 

Wednesday, 16 March 2016

इंटेलेक्चुअल

मैंने अपने देवर से कहा
आप हमे व्हाट्सप्प पर लम्बे लम्बे 
पॉलिटिकल मैसेज भेजते हैं किसलिए 
वो मुस्कराकर बोले भाभी आप इंटेलेक्चुअल  है इसलिए 
मैं सुनकर सकपकाई, थोड़ा घबराई 
न ही मैंने कभी कही असहिष्णुता पर लेक्चर है दिया 
न ही देशद्रोह पर दी कभी कोई स्पीच 
मैं समझ नहीं पा रही 
वो मेरी तारीफ़ कर रहे हैं  या टांग रहे हैं खींच  

Monday, 7 March 2016

मुझे नहीं आता

दुनिया को खुश करना बहुत कठिन है भ्राता
मेरे जीवन का अनुभव मुझे यही बताता

महफिलें सजाना ,मुझे नहीं आता
महफ़िलों में जाना , मुझे नहीं भाता
पीना और खाना, मुझे न सुहाता
लेकिन दुनिया को, यही चलन है लुभाता

इसीलिए मेरा है ये मानना
कि दुनिया को खुश करना बहुत कठिन है भ्राता
मुझे नहीं आता ,ये मुझे नहीं आता 

Friday, 4 March 2016

ममता

कभी कभी रात के अँधेरे में
तकिये पर रख कर सर
अधखुली उनींदी आँखों से
देखते है कुछ ख्वाब
अपने बच्चों के लिए
कैसे हो वो सब साकार
फिर इसी उधेढ़ बुन में खो जाते हैं
रब को भी मनाते हैं
नींद नहीं आती जब तक
ममता में ही गोते लगाते हैं