SUNITA KATYAL POETRY
Thursday, 24 March 2016
मस्ती
किन्ही हलके फुल्के क्षणो में,
हमने अपने पतिदेव से पुछा,
लोग हमारे बारे में क्या सोचते होंगे
वो मुस्करा कर बोले ,
कहते होंगे बहुत नाजुक मिजाज हैं ,
जब देखो ये तो रहते बीमार हैं
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