रात मैंने चाँद देखा
साथ में चांदनी भी थी
चांदनी ऐसी खिली खिली थी
जैसे आज सजना से मिली थी
उन्हें देख रात की रानी भी खिल गयी
हरसिंगार भी महकने लगा
हवा मंद मंद बहने लगी
मैं भी कुछ शरमाई सकुचाई सी
हाथ पकड़ कर सजना का
बोल नहीं कुछ पाई थी
हौले से बदल करवट
मुस्कराते हुए
न मालूम कब सो गयी थी
साथ में चांदनी भी थी
चांदनी ऐसी खिली खिली थी
जैसे आज सजना से मिली थी
उन्हें देख रात की रानी भी खिल गयी
हरसिंगार भी महकने लगा
हवा मंद मंद बहने लगी
मैं भी कुछ शरमाई सकुचाई सी
हाथ पकड़ कर सजना का
बोल नहीं कुछ पाई थी
हौले से बदल करवट
मुस्कराते हुए
न मालूम कब सो गयी थी
beautiful :)
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