एक
प्रभु तू क्या चाहता है
कुछ समझ न आता है
राजा को रंक बनाता है
और रंक को राजा बनाता है
प्रभु कैसा ये खेल रचाता है
कुछ समझ न आता है
कभी सुनामी लाता है
कभी भूकंप मचाता है
हर ओर हाहाकार मच जाता है
कुछ समझ न आता है
दो
प्रभु ऐसी परीक्षा न लिया करो
हम बच्चे तेरे नादान हैं
इक तुम्ही हमारा सहारा हो
तुम्ही विश्वास हमारा हो
हम पर दया किया करो
प्रभु ऐसी परीक्षा न लिया करो
No comments:
Post a Comment