SUNITA KATYAL POETRY
Sunday, 11 August 2013
सावन का महीना
सावन का महीना,
चले पुरवाई
संग लाये बदरा,
तेरी याद आई
अंखिया मेरी,
भर भर आई
तभी पड़ी बौछारें,
सब ने समझा,
मैं भीग के आई
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