गर हमने इश्क किया होता
कुछ किस्से विस्से सुनाते
पर क्या करें यारां
नजरों के पहरे,
थे गहरे गहरे
ना इश्क ही किया
ना इश्क मुआ हुआ
जवानी ऐसे ही बीत गयी
यारा ऐसे ही बीत गयी
कुछ किस्से विस्से सुनाते
पर क्या करें यारां
नजरों के पहरे,
थे गहरे गहरे
ना इश्क ही किया
ना इश्क मुआ हुआ
जवानी ऐसे ही बीत गयी
यारा ऐसे ही बीत गयी
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