Tuesday 18 September 2012

शुकराना

 भोर में चिड़ियों का चहचहाना
उषा की किरण का हौले से कमरे में घुस आना
फूलों का खिलना और भोरों का गुनगुनाना
बारिश की रिमझिम और मौसम सुहाना
चांदनी रात में तारों का टिमटिमाना
बच्चो की किलकारी और जवानी का ठहाका लगाना
ये सब याद कर के मेरा मुस्कराना

इस बढती उम्र में बुढ़ापे से क्या खौफ खाना
तेरी कृपा है, ए रब ,तेरा शुकराना

1 comment:

  1. So soft and yet so strong. Strikes you like lightning.

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