SUNITA KATYAL POETRY
Tuesday 20 January 2015
क्यूँ हमने प्यार किया
क्यूँ हमने प्यार किया
प्यार पे ऐतबार किया
बरसों तक तेरा जानम
क्यूँ इन्तेजार किया
छिप छिप रोये बहुत
नैनों को बेकार किया
तेरे ही कारण जानम
जीवन दुश्वार किया
समझ न पाये अब तक
क्यूँ हमने प्यार किया
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