Thursday 5 February 2015

मौसमे बहार है

मौसमे  बहार है
कभी बादलों ने आँचल फैलाया
कभी गुनगुनी धूप का साया
फूलों की खुशबू से रची बसी
बहे मंद मंद बयार है
मौसमे  बहार है 

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