Saturday 15 August 2015

तेरी याद

अपनी कठिनाइयों से, जूझती थक जाती थी
अपनी परेशानियों में, डूबती उतराती थी
तेरी याद से मेरे प्रभु, मन को सहारा मिल गया
बुझा दिया था मन मेरा ,खिले कमल सा खिल गया
तूफानों में भटकी नाव को जैसे किनारा मिल गया
तेरी याद से मेरे प्रभु, मन को सहारा मिल गया

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