Sunday 6 March 2011

जीवन


हर पल जीवन  का हमें
कुछ न कुछ सिखाता है
कुछ पाते हैं, तो सीखते हैं
कुछ गंवाते हैं, तो  सीखते हैं
इस पाने और गंवाने में
कभी हँसते , कभी रोने गाने में
साल दर साल उम्र कब बीत जाती है
चलता नहीं कुछ पता
उम्र के आखिरी पड़ाव पर पहुँच कर
आता है होश, अरे 
बहुत कुछ ऐसा है
जो हमने सीखा ही नहीं 

3 comments:

  1. awesome. kya baat hai aunty aapki shayari brought a smile on my face! miss you, hope you remember me.

    With lots of Love and Respect,

    Anush :)

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