Friday 7 February 2014

आया बसंत बहार

आया बसंत बहार सखी री
 आया बसंत बहार
पतझड़ बीता, नव पल्लव आये
धरती ने कीना फूलों से श्रृंगार सखी री
आया बसंत बहार
गेहूँ की  बालियों और आम की बौर से
सौंधी हुई री  बयार सखी री
आया बसंत बहार
प्रकृति ने कीनी फागुन की  अगुआई
तू भी हो जा  तैयार सखी री
आया बसंत बहार 

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