Friday 17 July 2015

बारिश

देखो जी क्या खूबसूरत समां है
काले बादलों से घिरा आसमाँ है
झमाझम पानी भी बरस रहा है
हुआ मन मेरा मैं हँसूँ, खिलखिलाऊ
बारिश में भीगूँ और खूब नहाऊँ
तभी जैसे कोई बादल सा फटा
मेरे पतिदेव ने आवाज लगाई
अजी  सुनती हो,……
मेरी चाय और पकोड़े कहाँ है
हाय रब्बा  क्या खूबसूरत समां है

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