Saturday 26 March 2016

भरे पूरे परिवार

कल रात हम अस्त व्यस्त थे
या यूँ कहिये कि अकेलेपन से त्रस्त थे
हमारे पतिदेव भी अकेलेपन से ग्रस्त थे
पर दिखा रहे थे, जैसे टी. वी. क्रिकेट में मस्त थे

ऐसे मे 30 बरस पुरानी  अपनी दादी सास की बात याद आई ,
वो कहती थी ,तुम लोग २ बच्चे पाल कर थक जाते हो ,
अभी २-४ बच्चे और होने चाहिए
तब उनकी बातों को हमने हंसी में उड़ा दिया
पर अब इस उम्र में हमें भी  कुछ ऐसा ही लगता है

काश हमारे  बच्चे और २-४ होते
कुछ पास और कुछ बाहर होते
उनके भी भरे पूरे परिवार होते
घर में आते जाते खूब नाते  रिश्ते दार होते
संग में 4 -6 दोस्त यार होते
परिवार संग  सब तीज त्यौहार होते
सुख दुःख संग झेलने को सब साथ तैयार  होते
हम अपने बच्चों और परिवार में व्यस्त  होते
यानि की हम पूरे मस्त होते




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