Monday 2 July 2018

उस वक़्त क्यों न बोली

जिंदगी में मेरी भी , कई बार हुआ ऐसा
किसी अपने ने कुछ कहा,मैं  जार जार रो ली
ये मन तब  मेरा,मुझे बार बार कचोटे
उस वक़्त क्यों न बोली, तू उस वक़्त क्यों न बोली
( डॉ ज्योत्स्ना मिश्रा जी की कविता से प्रेरित )

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