Wednesday 10 July 2013

प्रभु का शुकराना

सूरज के निकलने में
फूलों के खिलने में
चिड़ियों के चहकने में
हरसिंगार के महकने में
स्वांसों के चलने में
शाम के ढलने में
काली घटा छाने में
मौसम सुहाने में
चाँद के निकलने में
साजन से मिलने में
रात को सोने में
सुबह को जगाने में

प्रभु का शुकराना है
कोटि कोटि शुकराना है

"भाई रे मत तुम जानो
और किसी के कुछ हाथ है "     

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