Thursday 18 July 2013

हाय बुढ़ापा बाय बुढ़ापा

बचपन भी बीता ,जवानी भी बीती
अब बुढ़ापे का आगमन हो चुका है
हाय हाय बुढ़ापा ,हाय हाय बुढ़ापा 

आँखें भी रूठी,मोतिया-बिन्द के कारण
कान भी रूठे , ऊँचा सुनने लगे हैं
घुटने भी रूठे,आर्थराइटिस के कारण 
ब्लड प्रेशर और सुगर  के स्तर
अपनी मर्जी से चढ़ने ,उतरने  लगे हैं 
थाइरोइड ने वजन पहले से ही बढ़ाया है
डॉ कहता है वजन घटाओ 
बहनजी तुम कुछ कम खाओ 
हमने कहा ,सुबह और शाम 
डॉ साहेब एक एक रोटी खाते हैं 
वो बोला ,एक खाती हैं तो आधी खाओ 
खाओ या न खाओ ,पर वजन घटाओ 

हम कुढ़े पर फिर मुस्कराए 
डॉ खुद दुबला पतला ,गंजा ,मरिअल सा है 
हमारी सेहत देख कर जल भुन गया है 
बस ये सोच कर हम खुश हो गए 
रास्ते में ही हमने आइसक्रीम खायी 
आइसक्रीम ,मगर शुगर फ्री थी 

घर आकर खुद को हिम्मत दिलाई 
हिम्मत कर सुनीता तू हिम्मत कर 
जैसे बचपन बीता और बीती जवानी 
वैसे ही एक दिन बुढ़ापा भी बीतेगा 
तब तू मुस्कराना और कहना 
बाय बाय बुढ़ापा ,बाय बाय बुढ़ापा 

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